Thursday, June 8, 2017

और फिर कोई दफन हो गया!!

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कल प्रिया की शादी का कार्ड देखा तो अचानाक उसकी छवि आंखों के सामने आ गयी।

प्रिया,मेरी बहुत अच्छी सहेली और सबसे अलग और अलौकिक व्यक्तित्व, शांत सुलझी समझदार,क्या क्या विश्लेषणों से उसे आपसे मिलवाऊं। कभी कभी उसे देखकर ईर्ष्या होने लगती कि कोई इतना अच्छा कैसे हो सकता है। ईश्वर ने हर आदमी को अपने आपको संतुलित करने के लिए किसी ना किसी कमी से नवाजा है पर प्रिया इस मापदंड पर खरा नहीं उतरती।सब कुछ इतना परफेक्ट कैसे कर लेती है। पढ़ाई में अच्छी होने के साथ,खेलकूद,अपनी कलाओं में निपुण तो थी ही,सबसे अच्छी बात,एक अच्छी इंसान थी।मानवता उसमे कूट कूट के भरी थी। प्रेम,हास्य और प्रतिभा का ऐसा मेल बहुत कम ही देखने को मिलता है।
शादी में जाना तय हुआ। सैंकड़ो सवाल और खुशी।आखिर कौन खुशनसीब होगा जिसके भाग्य में प्रिया होगी। धन्य हैं वो माता पिता जिनकी प्रिया जैसी बेटी है। शादी में एक दिन पहले ही पहुंच गई मैं। नज़रें प्रिया को ढूंढ रही थीं। माताजी से मिली तो उन्होंने बताया प्रिया का कमरा ऊपर है वो वहीं है।
"प्रिया!!!,Congratulations!!! बहुत खुश हूं मैं तेरे लिए!!"कहते हुए मैंने उसे गले से लगा लिया।
वो गले तो लगी पर एक दुल्हन वाली चमक गायब थी चेहरे से।वो मुस्कुराई तो मुझे देखकर पर वो गर्माहट जो उसके मुस्कुराने से सामने वाले को बिखेर दे,वो गायब थी। प्रिया उन लड़कियों में से भी नहीं थी जो शादी की वजह से होने वाली Anxiety से प्रभावित हो जाये। मेरे मन में कुछ ठनका। क्यों उसकी नज़रों में आज वो तेज नहीं।
"क्या बात है प्रिया? कुछ परेशान हो?? साफ साफ मैंने उससे पूछा।
बहुत ज़्यादा ज़ोर देने के बाद उसने मुझे बताया। 
कॉलेज के पहले साल में वो एक लड़के से दोस्ती कर बैठी जो तीसरे साल तक प्यार में बदल गयी। उसने बहुत रोकने की कोशिश की खुद को की वो उस संबंध को वहीं तोड़ दे लेकिन उससे नहीं हुआ।वो करन(जिस लड़के से प्रेम करती थी)की अच्छाइयों की तरफ खींची चली गयी। कॉलेज के कुछ लड़कों के छेड़ने पर अकेला करन ही था जिसने उसके लिए लड़ाई की थी। एक दोस्त की नज़र में बिल्कुल सही बैठता नज़र आता था।औरतों की इज़्ज़त करना,स्वाभिमानी होना,ये सब बातें प्रिया को खींचती चली गयी उसकी तरफ। कॉलेज के लास्ट ईयर ,जब करन और प्रिया दोनों ने अपनी पूरी ज़िंदगी साथ बिताने का तय किया,बात आई माता पिता को मनाने की। करन के मान गए पर प्रिया के माता पिता ने बवाल मचा दिया। केवल प्रिया के ज़िक्र करने पर ही घर में इतना बड़ा बवंडर खड़ा हो गया। ना जाने कैसे कैसे उलाहने देने लगी प्रिया की माताजी। छोटे भाई बहन ने भी बात करना कम कर दिया। करन ने फिर भी प्रिया को हिम्मत दिलाई और कहा शुरू में ऐसा होता है और हम हार नहीं मानेंगे प्रिया। सब लोग मान जाएंगे आखिर में। भाग कर शादी करना या बगावत करना,दोनों के उसूलों के खिलाफ था इसलिए माता पिता को मनाने के अलावा कोई और रास्ता नहीं था। 
प्रिया का परिवार बहुत ज़्यादा दकियानूसी सोच का था। शुरू से ही घर से ज़्यादा बाहर ना निकलना,सही ढंग के कपड़े पहनना, फिल्में ना देखना,लड़कों को दोस्त नहीं बनाना बहुत सामान्य से पालन किये जाने वाले नियम थे प्रिया के घर में। समाज के लोग में हमारी क्या इज़्ज़त रह जायेगी,इस सवाल ने पूरी ज़िंदगी बर्बाद कर दी थी। खैर!! प्रिया ने ऐड़ी चोटी का जोर लगा दिया लेकिन उसके मां और पिता कुछ भी सुनने को तैयार नहीं थे। वो लोकलाज के आगे अपनी बेटो की खुशी नहीं देख पा रहे थे। उसके आँसुओ का इन् पर कोई असर नहीं हो रहा था। जिस बेटी ने उनकी एक बात आज तक नहीं टाली, उनके हर कहे को सर्वस्व माना,अवज्ञा नहीं की कभी,घर से दूर पढ़ाई करने के बावजूद भी उनकी नामौजूदगी का फायदा नहीं उठाया और वो सब कुछ किया जो आज के समय के बच्चों के करने का बस तक नहीं,उसकी खुशी आज उनके लिए कोई मायने नहीं रखती।
प्रिया के बहुत जोर देने पर पहले उन्होंने प्यार से फिर फटकार से समझाया और अंत में उससे बिना पूछे समाज के एक प्रतिष्ठित परिवार में उसका रिश्ता तय कर दिया।
बेबस प्रिया कुछ नहीं कर पाई। करन के अपने माता पिता के साथ प्रिया के घर आकर उन्हें समझाने का भी कोई फायदा नहीं हुआ और उन्हें बेज़्ज़त होकर घर से जाना पड़ा। हालांकि करन पर इस बात का कोई प्रभाव नहीं पड़ा।वो लगातार प्रिया को ढांढस बंधाये हुए था। पर सब कोशिशें बेकार हो गयी। आखिर उन दोनों को हार माननी पड़ी,
हार गए वो समाज की इस सोच के आगे कि लव मैरिज अपराध है। हार गए वो अपने माता पिता की सोच के आगे कि लड़की अपना वर खुद नहीं चुन सकती,अगर वो प्रेम विवाह करती है तो उसे समाज अच्छी नज़र से नहीं देखता।
ये कैसा ढर्रा है हमारे समाज में जहां जीवन साथी चुनने का अधिकार नहीं हमें। हम अपनी ज़िंदगी का सबसे बड़ा फैसला खुद नहीं कर सकते। समाज में इज़्ज़त के नाम पर कितने अरमानों का गला घोंट दिया जाता है।या तो इमोशनल प्रेशर देकर माना लिया जाता है या ज़बरदस्ती शादी करवा दी जाती है या डरा धमका कर चुप कर दिया जाता है। बड़े शहरों में तो सोच में खुलापन आम बात है पर छोटे कस्बे और गांव में हालात बहुत पिछड़े हुए है अब तक। शिक्षा का अर्थ ही क्या जब हम ऐसे फ़िज़ूल पारंपरिक प्रतिरूप से बाहर ना निकल पाएं। 
प्रिया के माता पिता खुद पढ़े लिखे और समाज में प्रतिष्ठित परिवारों की गिनती में आते हैं पर मैं माफी चाहूंगी अगर हम हमारे बच्चों की खुशी और उनके निर्णयों में उनके साथ खड़े नहीं हो सकते तो हमारे समाज में इस प्रतिष्ठा का भी कोई खास सरोकार नहीं। भेड़ चाल से हटकर अगर हम कोई बीड़ा उठाने की हिम्मत करते हैं,अपनी बच्चों के लिए दुनिया से लड़ सकते है ,उनकी आंखों में वो चमक लौटा सकते हैं,उनके फ़ैसलों में उनका साथ निभा सकते हैं,समाज का बना बनाया ढांचा तोड़ सकते हैं,अपने बच्चों को कुरीतियों के खिलाफ खड़ा होना सीखा सकते हैं, तो ही हम सही मायने में माता पिता का फर्ज अदा करते हैं वरना तो ये "झूठी इज़्ज़त" का आवरण हमारे ही बच्चों के अरमानों का गला घोट देगा और हम मुस्कुरा के तमाशा देख रहे होंगे।

मेरे पति.... एक बिगड़े बच्चे!!!

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मुम्बई की बारिश!! मानसून वाली तो नहीं है पर हां अभी गर्मी से राहत दिलाये हुए है और मेरे मन मस्तिष्क की तरंगों को शब्दों में पिरोने का कारण बने हुए है। बारिश का सीधा संबंध प्यार से जुड़ जाता है और प्यार शब्द आते ही पतिदेव की याद आ जाती है और इनकी याद आते ही...........शाम को खाने में क्या बनाओ ये याद आ जाता है😉😂 ऐसा नहीं है,Unromantic होने का लाँछन तो नहीं लगा सकती अपने पति पर क्योंकि शादी के 4 साल के बाद भी उनके प्यार को दर्शाने के तरीकों में कोई बदलाव नहीं आया है भाग्यवश, लेकिन उनके बचपन से घर में रहने के Side effects मुझे अभी भी झेलने पड़ते हैं कहीं ना कहीं!!

जी! मैं एक छोटे कस्बे से तालुक्क रखती हूं तो मुझे स्कूल खत्म करते ही आगे की पढ़ाई के लिए घर छोड़कर बाहर हॉस्टल में रहना पड़ा। बहुत मुश्किल था वो समय मेरे लिए। खास तौर पर माँ के बिना रहना। मेरी उन् आदतों का क्या होगा जो कभी उसने सुधारी ही नहीं,मेरे बाल बनाना,रोज़ की मेरी स्कूल के किस्से सुनना, आते ही निम्बू पानी देना,बालों में तेल डालना और ना जाने क्या क्या। ये सब तो मुझे उससे जोड़े रखता है,वहां हॉस्टल में कौन करेगा ये सब। शुरू में कठिन था लेकिन आज सोचती हूँ तो लगता है, उन 7 सालों में ली कितनी सीख आज मेरे जीवन को कितना सरल और सुलझी हुई बनाती है।
• Adjustment : सबसे पहला शब्द जो घर के बाहर कदम निकालते ही सीखा। शोर में भी पढ़ना सिखा दिया होस्टल के उस छोटे से कमरे ने। बिस्तर शेयर करना सिखाया था उस छोटे से बेड ने। रूममेट को डिस्टर्ब किये बिना उठना सीखा दिया उस घड़ी के अलार्म ने।
वहीं दूसरी ओर मेरे पति। घर से ही कॉलेज की पढ़ाई की तो उनकी माता का संरक्षण हमेशा उनके पास रहा। इनके कॉलेज जाने के टाइम पर कोई बाथरूम में नहीं जाता। इनके पढ़ने के टाइम कोई TV नहीं चलाता। एग्जाम के टाइम तो मानो मातम सा छा जाता था घर में!!!😂 आज भी उनके आफिस के काम के बीच कोई आ जाये तो बेचारे को उनके कोप का भाजन बनना पड़ जाता है।
• Compromise : हां!! ये शब्द के मायने भी मैंने सीख लिए थे हॉस्टल में। जब हम कुल 150 लड़कियों के साथ रहते हैं जो कहीं ना कहीं हर तरीके से हमारे जैसी ही हैं, तो उनके साथ संबंध बनाने के लिए कभी झुकना पड़ता है तो कभी प्यार से समझना पड़ता है,कभी रूठे को मनाना पड़ता है तो कभी सच और सही के लिए विद्रोह करना पड़ता है लेकिन हां Compromise हर जगह अपनी एक अहम भूमिका निभाता है चीजों को सरल और सौहार्दपूर्ण बनाने में। पतिदेव ने ये शब्द थोड़ा थोड़ा शायद शादी के बाद ही सीखना शुरू किया😅 क्योंकि उनकी परम पूज्य माताजी ने इसकी परिभाषा सीखने का मौका ही नहीं दिया।
• Self Dependence : अपने कपड़े खुद धोना,बालों में तेल लगाना,अपनी फीस का काम बैंक में जाकर खुद करना,अपनी खाने पीने की व्यवस्थाओं का ध्यान रखना,साफ सफाई यहां तक कि नए नए दौर में जब आपके ज़्यादा दोस्त नहीं बने होते तब अपनी तबियत का ख्याल भी खुद ही रखना होता था। अपना काम खुद करने की एक बुरी सी आदत डाल दी थी होस्टल नें जो आज भी कमबख्त पीछा नहीं छोड़ती। सही सोचा अपने...पतिदेव बिल्कुल विपरीत... अपने हर छोटे मोटे काम के लिए हम पर निर्भर। पहले माँ और अब मैं। अगर मैं रात को बाथरूम में उनके कपड़े रखना भूल जाऊँ तो आफिस के लिए लेट होने का इल्ज़ाम मुझ पर। मेरे बहुत कोशिश करने पर अब उनमे थोड़े बहुत बदलाव आए हैं पर फिर भी हर छोटी ज़रूरत के लिए किसी को पूछना पड़ता है... कारण...आदत। जी बचपन से बिना कहे ही जब काम हो जाये तो बात ही क्या और इसका पूरा श्रेय मेरी सासु माँ को जाता है।
 • Decisive: जब हम अपने घर से दूर होते हैं हमारे रोज़मर्रा के जीवन से जुड़े छोटे छोटे फैसले लेने में सहयोगी साबित होता है हमारे घर से हमारा दूर रहना। क्या चीज़ का सही दाम कितना है और पैसों की अहमियत झट से समझ आ जाती है जो कभी घर पर समझ नहीं आयी थी। महँगे कपड़ों की जिद्द करना भूल गयी मैं,हॉस्टल से जाने के बाद। पतिदेव भी decisive हैं,लेकिन केवल कुछ मुद्दों में। बाकी हमारी सासु माँ से एक बार डिसकस किये बिना उन्हें चैन नहीं पड़ता चाहे वो घर में कोई सामान लाने की बात ही क्यों ना हो।
अब आप सोच रहे होंगे,ये मुद्दा क्या है,कहना क्या चाहती हो,ये क्या हॉस्टल और घर से पढ़ने वालों के बीच कोई comparison है? ....नहीं !! उदाहरण में चाहे मैंने अपने बेचारे भोले भाले पतिदेव को खींच लिया हो और केवल हॉस्टल और घर से पढ़ाई का ही तुलनात्मक विश्लेषण किया हो लेकिन सीधे सीधे शब्दों में बात है स्वावलंबन की। हाँ!! वो गुण जो हमारे बच्चों में हमें सबसे पहले डालना चाहये चाहे वो हमारे पास रहते हो या नहीं। खुद पर भरोसा करने का काम जिस दिन उन्हें आ जायेगा,उनके पंखों को फैलने से कोई नहीं रोक पायेगा। Self Dependence,Decision making power,Compromise ,Adjustments वो छोटे छोटे बीज है जो बच्चों के मूल्यों की जड़ों को मजबूत बनाती है।
• अपने बच्चों को आत्मनिर्भर होना सिखाएं। अपनी भौतिक मूल आवश्यकताओं के लिए वो हम पर निर्भर ना रहें। और ये जितना जल्दी शुरू हो उनके लिए उतना अच्छा है।
• उन्हें अपना काम करने के खुद प्रयास करने दें,जब तक वो खुद हार नहीं मानते उन्हें किसी तरह की कोई मदद ना दें।
• अपने आसपास साफ सफाई का महत्व समझाएं। अपनी चीजों को ढंग से रखना,अव्यवस्थाओं से शिकायत करना और उन्हें ठीक करना सीखाएं।
• लोगों के बीच उनके तरीके से रहना और नम्रता से झुकना सीखाएं। उन्हें इस बात का महत्व बताये की दुनिया  हम जैसे लोगों से ही बनी है केवल समन्वय करने की बात है।
बच्चे चाहे दूर रहे या पास,उन्हें स्वयं पर आश्रित रहने का मौका दें और जो कभी लड़खड़ा जाएं तो हम तो हैं ही उनके साथ, हमेशा।
अरे ये लिखने लिखाने और बातें करने में मैं भूल ही गयी कि पतिदेव के खाने का टाइम हो चला है और मुझे रसोई में खूब तैयारी करनी है, चलती हूँ और मिलूंगी कभी कुछ कीड़ा आ चला दिमाग में तो शब्दों में पिरो के आपके पास पहुँचा दूंगी।
                              धन्यवाद!!

Monday, June 5, 2017

This 3 Ingredients and 5 Minutes Recipe will Remove Your Facial Hair Forever

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Clean and bright skin enhances your beauty. If you have hair on your face, it looks odd. If you are in proper dressing and style but has facial hair, then it spoils your personality. The hair on mustache looks very bad, and every woman is very conscious about it. Usually, they go for waxing and threading. Because of threading we have cuts on our hands and new hair has thicker roots. On the other hand, waxing is a painful process, and it sticks to fingers and hands.

Today we are going to share such a recipe that consists of just three ingredients and within five minutes you will get rid of facial hair. It is easy to make and time-saving recipe.

Ingredients:

  • 2 tablespoon Lemon Juice
  • 1 tablespoon oatmeal paste
  • 2 tablespoon Honey

Method:

1.  Take oatmeal paste in a bowl.
2.  Add lemon juice and honey in it.
3.  Mix it well and make a paste.
4.  Apply it on wanted area of your face with the help of a brush or use your fingers.
5.  Leave it five minutes and wash with lukewarm water.
Repeat this process two to three times in a week and after one month you will get rid of facial hair forever that looks odd.

4 Ingredient Face Mask to Magically Remove Acne Scars, Wrinkles and Reverse Aging

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In modern world there is a cure of almost every disease on the other hand with these healing procedures there are side effects. When we have to face acne or pimples on the face we do not hesitate to use creams or medicine. Even after these creams and medicines there are leave traces of pimples and acne. If we do not use anything then we have to face dark spots or scars. Today we are going to share a simple but fabulous face mask consisting of four ingredients which is a great solution of your problem.

Ingredients:

  • 1 tsp Honey
  • 1 tsp fresh Lemon Juice
  • ½ tsp Cinnamon(daalcheeni)
  • ½ tsp Nutmeg( jaayfal)

Method of Preparation:

1.  Mix all the ingredients like honey, lemon juice, cinnamon, nutmeg into a bowl
2.  After mixing you will get a mixture. If your skin is sensitive to lemon juice then omit it, however if your skin bear it then you can add dilute solution into it. You can also test this mixture on small portion of your face and if you feel itching then remove it.
3.  If your skin is not sensitive to lemon juice then apply this mixture on your face but avoid eye and mouth area
4.  Leave it for thirty minutes and if you feel burning sensation then remove in ten minutes
5.  Wash it with cold or normal water and let it dry. Do not use towel and do not apply anything for some time. If you need then you can use rose water.
This is such a fabulous Face Mask which has power to remove acne scars and wrinkles. On the other hand it also reverse aging.

5 Proven Health Benefits of Eating Garlic

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Aphrodisiac, food, medicine and the cause of prolonged life – I have been using garlic for many purposes over the centuries.
Recent research based evidence proved that garlic may be effective against high blood pressure, heart disease and blood vessels, cholesterol, colds and some types of cancer. Here are some tips to get rid of different diseases by using garlic.
                                                        1. High Blood Pressure

Identified in 2012, one of the best available evidence on the use of garlic to treat high blood pressure, a good study suggests that 200 mg of garlic powder three times a day lowers blood pressure. However, the bulletin concluded that there is insufficient evidence to determine whether garlic and effective way to treat high blood pressure and reduce the mortality rate.
                                                                 2. Cholesterol
Concluded bulletin performed well in 2009 and is one of 29 good quality study (involving a total of 1,794 participants) that garlic (garlic powder mainly) cause a “modest reductions” in total cholesterol levels.
                                                                      3. Colds
Concluded good quality bulletin in 2012, one of the best available evidence that there was insufficient evidence on the effects of garlic extensions on treatment or prevention of colds. Most of the studies, which claimed it, were of low quality. It has been said in the bulletin that good logical study suggests that garlic may prevent colds, but there was a need for more research until the consolidation of results.
                                                                4.Cancer
The conflicting evidence. It concluded the Global Fund for Cancer Research Bulletin in 2007 that garlic “probably protects against” the intestines and stomach cancers. It concluded the latest bulletin from 2009 and is one of the best available research on humans that there is no credible evidence about the cancer of the stomach, breast, lung and uterus, but there are very limited evidence about that eating garlic may lower the risk of colon cancer, prostate, oral, ovarian or renal cell cancer.
                                                               5. Rule Dietician
Alison Hornby, says nutrition specialist and spokeswoman for the British Nutrition Association: “Garlic delicious flavor used on a large scale in the kitchen of the Mediterranean and Asia.”
With a high concentration of garlic extract studies with improving circulation have been associated, most health levels and lower blood pressure, cholesterol, which reduces the risk of heart disease and blood vessels. However, current evidence does not support the use of garlic extensions to improve health.
The garlic is particularly useful in cooking, as it provides an alternative to salt to add flavor to meals, along with the lemon juice, pepper, herbs and spices. Eating less salt is important to avoid high blood pressure.